ठहरिए! ई-मित्र सेवा शुरु करना चाहते हैं, तो पहले करना होगा यह काम
- Apr 26, 2018
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Updated: May 8, 2018

ई-मित्र पर लगी नियमों की बेडिय़ां। ई-मित्र शुरु करने से पहले पास करनी होगी परीक्षा। अभी जिलेभर में 15 सौ से ज्यादा ई-मित्र संचालित हो रहे हैं।
अब ई-मित्र खोलकर रोजगार पाने का सपना देखने वाले युवाओं के अरमानों पर राज्य सरकार ने पानी फेर दिया है। अब प्रदेश सहित जिलेभर के 252 ग्राम पंचायतों में संचालित हो रहे ई-मित्र संचालक भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नियमों की बेडिय़ों में जकड़े जाएंगे। राज्य में एक दिसम्बर 2017 के बाद ई-मित्र खोलने वालों के लिए बुनियादी प्रमाणीकरण परीक्षा पास करनी जरुरी कर दिया है। इसके चलते अब हर कोई अप्रशिक्षित युवा संचालन नहीं कर पाएगा।
दो चरणों में होगी परीक्षा ई-मित्र संचालन के लिए दो चरणों में परीक्षा होगी। पहले चरण में आवेदक व वर्तमान संचालक को हर छह माह में एक बार 100 अंकों का प्रश्न-पत्र हल करना होगा। प्रथम चरण में वैकल्पिक परीक्षा में ई-मित्र पोर्टल की प्रारम्भिक जानकारी कम्प्यूटर व इंटरनेट तथा मोबाइल से जुड़े वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा में फेल होने की दशा में संबंधित ई-मित्र कियोस्क बंद कर दिया जाएंगे।
दूसरे चरण में प्रमाणीकरण परीक्षा दूसरे चरण की परीक्षा विस्तृत प्रमाणीकरण से जुड़ी होगी। 100 अंकों की यह परीक्षा साल में एक बार होगी। इसमें वैकल्पिक के साथ विस्तृत प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा का पाठ्यक्रम ई-मित्र पोर्टल पर चल रही सेवाओं के विवरण से जुड़ा होगा। इस योजना में मास्टर ट्रेनर को भी परीक्षा पास करनी जरुरी होगी। परीक्षा जिला प्रोग्रामर द्वारा पंचायत समिति स्तर पर ली जाएगी। परीक्षा में बॉयोमेट्रिक उपस्थिति ली जाएगी।
इस आधार पर मिलेगा पुरस्कार ई-मित्र कियोस्क की तरह ही स्थानीय सेवा प्रदाताओं का वर्गीकरण किया जाएगा। इसमें उन्हें कियोस्कों के औसत वर्गीकरण, मास्टर ट्रेनर की ओर से हांसिल औसत अंक, कियोस्कों की ओर से किए गए लेन-देन के औसत, लेन-देन के कार्य दिवस के औसत, आमजन को दी गई सेवाओं के औसत स्थानीय सेवा प्रदाताओं के रोल आउट प्लान तथा प्रशिक्षण की कसौटी पर परखा जाएगा। इसके बाद उन्हेें सिग्नेचर, प्लेटिनम, गोल्ड सिल्वर व बेस ई-मित्र श्रेणी में बांटकर सेवाओं का आंकलन किया जाएगा। इनके आधार पर ही सेवा प्रदाताओं की सेवाएं हर साल नवीनीकृत होगी। इसके बाद आईटी दिवस या विभागीय समारोह में अच्छा काम करने वाले संचालकों को सम्मानित किया जाएगा। उनका कमीशन भी उनको मिली श्रेणी के आधार पर ही तय होगा।
योजना एक दिसम्बर से लागू हो जाएगी झालावाड़ के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उपनिदेशक आर.एस. बैरवा ने बताया कि जिले में ई-मित्र खोलने के लिए संचालकों को परीक्षा पास करनी होगी। इसके लिए दो चरणों में परीक्षा होगी। यह योजना एक दिसम्बर से लागू हो जाएगी। वर्तमान में चला रहे लोगों को भी परीक्षा देनी होगी।अच्छा काम करने वाले संचालकों को पुरस्कृत किया जाएगा। ई-मित्र ऑपटेर जगदीश दांगी ने कहा कि यह सही कदम है अभी तक हर कोई ई-मित्र खोलकर बैठ जाता था, जानकारी के अभाव में उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता था। अब पास परीक्षा पास करने वाले जानकार ही ई-मित्र का संचालन कर पाएंगे।
इसलिए उठाया कदम अभी तक बिना परीक्षा पास करें हर कोई व्यक्ति ई-मित्र केन्द्रों का संचालन कर रहा था। इससे सेवाएं बेहतर नहीं दे पा रहे थे। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वहीं जानकारी के अभाव में एमबीबीएम, आईआईटी-जेईई, कैट, गेट, एम्स , नीट, यूपीएससी , आरपीएसी सहित कई परीक्षाओं के आवेदन भरने के समय ऑपरेटर द्वारा गलती करने पर कर बार अभ्यर्थी को परीक्षा से हाथ धोना पड़ता है। इसके अलावा छात्रवृति सहित अन्य आवेदनों में भी उपभोक्ताओं की शिकायतें आ रही थी। इसके चलते ही यह कदम अठाया गया है।
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